दिपावली का पावन पर्व
यह,
आप सभी को मुबारक हो !
राहें रोशनी से भरी रहे,
और धन -बैभव की अच्छी आवक हो
!!
कभी कांटा न चुभे पावों
मे आपके,
और ना ही जीवन मे उदासी
छाए !
मन की ईच्छा पुरी हो,
और सफ़लता सदा मुस्काती आए
!!
सूरज की तपती ज्वाला हो
या,
ठंडी- बर्फ़ीली
हवाएं हो !
नए बहारों से हो सुसज्जित,
व पूरी अभिलाषाएं हो !!
आज की खुशिया सदा बनी
रहे,
व नित नई खुशी व प्यार
मिले !
मोहन की दिल से यही कामना,
जीवन भर आपको बहार मिले
!!
मोहन श्रीवास्तव(कवि)
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दिनांक- २८/१०/१९९९,बृहस्पतिवार,
शाम-५.१० बजे,
चंद्रपुर(महाराष्ट्र)