Sunday 24 March 2024

होली खेलैं बनवारी बिरज में २

होली खेलैं बनवारी बिरज में २
उठि के बिहनियां धूम मचावें
पू पू करके पूप बजावें
लेके कनक पिचकारी
बिरज में होली खेलैं बनवारी।।१।।

तन पीताम्बर कटि में करधन
पग में घुंघरू बजत छनन छन
नंद बबा के दुआरी
बिरज में होली खेलैं बनवारी।।२।।

भरि पिचकारी ग्वारन आए
कान्हा को सब रंग लगाए
करते हुड़दंग वो भारी
बिरज में होली खेलैं बनवारी।।३।।

ढोलक झांझ मृदंगा बाजे
घूंघट ओढ़ि गुआरिन लाजे
देवत गीत में गारी
बिरज में होली खेलैं बनवारी।।४।।

रंग गुलाल अबीर उड़ाएं
इक दूजे को रंग लगाएं
रंग गये आज मुरारी
बिरज में होली खेलैं बनवारी।।५।।

होली खेलैं बनवारी बिरज में २

शुभ होली (कुंडलियां)

होली की शुभकामना, आप सभी को मीत।
वैर भाव सब दूर कर, गले लगो धर प्रीत।।
गले लगो धर प्रीत, अबीर गुलाल लगाओ।
हिंसा ईर्ष्या द्वेष, सभी मिल दूर भगाओ।।
खाओ गुझिया भांग, माथ पे चन्दन रोली।
मोहन कहता आज, आप सब को शुभ होली।।