Friday 28 February 2014

"आरक्षण का जहर उगाना ठीक नही”


वोटों की संख्या बढा़ने के लिए,
आरक्षण का ज़हर उगाना ठीक नही !
अपने निजी स्वार्थों के लिए,
देश को गिराना ठीक नही !!

उन पढ़े-लिखे नव-जवानों के,
दिलों पर क्या गुज़रता होगा !
जिन्हें आरक्षण के कारण,
नौकरियों से छांट दिया जाता होगा !!

वे मासूम पढ़- लिख कर भी,
अपने करतब नहीं दिखा पाते !
राष्ट्र के लिए आरक्षण के कारण,
अपना ज़ौहर नही दिखा पाते !!

आरक्षण से प्यार है इतना तो,
आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाए !
उनमे भी जिनको इसकी ज़रूरत हो,
उनका पहचान किया जाए !!

इस तरह से आरक्षण को कम करके,
हम मज़बूत राष्ट्र बना सकते !
उन पढ़े -लिखे नव-जवानों से,
अपने भारत की तश्वीर सजा सकते !!


वोटों की संख्या बढा़ने के लिए,
आरक्षण का ज़हर उगाना ठीक नही !
अपने निजी स्वार्थों के लिए,
देश को गिराना ठीक नही !!

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
दिनांक- १७/०१/२००० सोमवार
शाम-.४५ बजे

चंद्रपुर(महाराष्ट्र)


Wednesday 26 February 2014

शिव स्तुति (आई शिवरात्रि)



आप सभी मित्रों को महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई,,,भगवान भोले नाथ जी व माता पार्वती आप सब पर सदा ही अपनी पावन कृपा बनाये रखें..............

आई शिवरात्रि,खुशियों की रात्रि,
शिव जी गिरिजा संग नाचे
पावन त्योहार,शिव का श्रृंगार,
जिसे देख के काम भी लाजे
आई शिवरात्रि,खुशियों की रात्रि...

होते ही भोर,मुर्गे की शोर,
सुनकर गिरिजा जी जागीं
होके तैयार,करके श्रृंगार,
भोले के चरण में लागी
आई शिवरात्रि,खुशियों की रात्रि...

पूजा की थाल,अबीर और गुलाल,
दीपक भी थाल मे साजे
चल दी हैं आज,गणपति की मातु,
भोले जी जहां हैं बिराजे
आई शिवरात्रि,खुशियों की रात्रि...

बिषधर का रूप,मनमोहक रूप,
सबके मन को ललचाए
अंग मे भभूत,सुंदर स्वरूप,
वो सबको बहुत लुभाए
आई शिवरात्रि,खुशियों की रात्रि...

पीते हैं भंग,बजता मृदंग,
और नाग गले मे साजे
भूतों का संग,मदमस्त बसंत,
सिर पे गंगा माँ बिराजे
आई शिवरात्रि,खुशियों की रात्रि...

चढ़े है धतूर,बेल और पुष्प,
नम: शिवाय सब जापे
लम्बी कतार,भोले के द्वार,
हर-हर महादेव है व्यापे
आई शिवरात्रि,खुशियों की रात्रि.....

भोले प्रसन्न,गिरिजा जी धन्य,
जो ऐसे पति हैं पाई
बाबा महान,कोई ना शान,
देखो  शिवरात्रि आई

आई शिवरात्रि,खुशियों की रात्रि,
शिव जी गिरिजा संग नाचे
पावन त्योहार,शिव का श्रृंगार,
जिसे देख के काम भी लाजे

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
23-02-2014,Sunday,03:40am,(860)

Pune,M.H.