वोटों की संख्या बढा़ने के लिए,
आरक्षण का ज़हर उगाना ठीक नही !
अपने निजी स्वार्थों के लिए,
देश को गिराना ठीक नही !!
उन पढ़े-लिखे नव-जवानों के,
दिलों पर क्या गुज़रता होगा !
जिन्हें आरक्षण के कारण,
नौकरियों से छांट दिया जाता होगा !!
वे मासूम पढ़- लिख कर भी,
अपने करतब नहीं दिखा पाते !
राष्ट्र के लिए आरक्षण के कारण,
अपना ज़ौहर नही दिखा पाते !!
आरक्षण से प्यार है इतना तो,
आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाए !
उनमे भी जिनको इसकी ज़रूरत हो,
उनका पहचान किया जाए !!
इस तरह से आरक्षण को कम करके,
हम मज़बूत राष्ट्र बना सकते !
उन पढ़े -लिखे नव-जवानों से,
अपने भारत की तश्वीर सजा सकते !!
वोटों की संख्या बढा़ने के लिए,
आरक्षण का ज़हर उगाना ठीक नही !
अपने निजी स्वार्थों के लिए,
देश को गिराना ठीक नही !!
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
दिनांक- १७/०१/२००० सोमवार
शाम-७.४५ बजे
चंद्रपुर(महाराष्ट्र)
No comments:
Post a Comment