भगवान की सत्ता, सदा से ही रही,
और सृष्टि अंत तक, रहेगी भी ।
पर आधुनिक युग का, भगवान है गूगल,
इतिहास सदा, ये कहेगा भी ॥
ब्रह्माण्ड या हो, ये दुनिया,
आज सब हमारी, मुठ्ठी में है ।
किसी भी तरह की, जानकारी,
ये सब हमारी, चुटकी में है ॥
गूगल के माध्यम, से मित्रों,
आज हम सब, पास आ रहे हैं ।
कभी जान नही,पहचान नहीं,
अपने दुःख,सुख को, बांट रहे हैं ॥
अथाह ग्यान का, सागर गूगल,
जो हम ग्यान, जो चाहे,ये देता है ।
हर मुश्किल को, आसान बनाता,
ये हम सब की, नाव को खेता है ॥
भुत,वर्तमान,भविष्य को भी,
गूगल बाबा, हमें बताते हैं ।
सागर,पृथ्वी,आकाश व जंगल,
ये हमें सब जगह की, सैर कराते हैं ॥
नेटवर्क तो कई, तरह के हैं,
पर गूगल तो, सबसे निराला है ।
पर गूगल तो, दिल वाला है ॥
जिसने भी बनाया गूगल को,
उस महापुरुष को, शत-शत है नमन ।
गूगल टीम को भी है, शत-शत नमन,
जो लगे हुए हैं, इसमें हर पल ॥
जो लगे हुए हैं, इसमें हर पल.........
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
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31-07-2013,wednesday,4am,
pune,maharashtra.