मत हंसी उड़ावो कभी उनका,
कल इनके अच्छे दिन भी आयेंगे ।
अभी दुःख के आंसू निकल रहे,
कल सुख के बहार भी आयेंगे ॥
काले कोयले की खदान से,
हीरा भी उसी से निकलता है ।
जो कि अंधकार मे उजाला बनकर,
सबको आलोकित करता है ॥
वर्तमान देखकर कभी किसी का,
भूल के मत परिहास करो ।
भविष्य सुनहरा जानकर उसका,
उसे कभी मत निराश करो ॥
सुख-दुःख तो ये लगे रहते,
कल दुःख का बादल छंट जायेगा ।
सुर्यास्त आज हो रहा है तो क्या,
कल नया सवेरा आयेगा ॥
किसी के रंग-रूप पर मत जावो,
उसके गुण का तो सम्मान करो ।
कभी किसी का वर्तमान देखकर,
भविष्य़ का मत उपहास करो ॥
कभी किसी का वर्तमान देखकर,
भविष्य़ का मत उपहास करो......
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
21-01-2014,Tuesday,11:30pm,(836)
Pune,M.H
www.kavyapushpanjali.blogspot.in
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