नया साल मुबारक हो,
व दिल के सपनें, साकार हो।
जीवन मे सफलता, कदम चुमें,
व सुख मय सदा, परिवार हो ॥
कभी कांटा न चुभे,ठोकर ना लगे,
जब चलें आप, कहीं राहों मे ।
जीवन मे हर पल, उजाला हो,
व गूंजे नाम, दिशावों में ॥
सदा सन्मार्ग पर, चलें आप,
व बुराई की राहों, से दूर रहें ।
मुस्कान सदा हो, चेहरे पे,
खुशियों से सदा, भरपूर रहें ॥
खुशियों से भरा, हो घर-आंगन,
धन-बैभव से, खजाना भरा रहे ।
’मोहन’ की, दिल से यही कामना,
जींदगी फूलों सा, खिला रहे ॥
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
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29-12-1999,4:45pm,wednsday,
chandrapur,maharashtra.
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