गुरू सदा से रहें हैं इस धरा पे ,
और आगे भविष्य में रहेंगे भी ।
उन सब के आशीर्वाद से ही ,
हम सब फूल व फल रहे सभी ॥
बिना गुरु के ज्ञान नहीं ,
ये वाक्य भी शत -प्रतिशत है सही ।
गुरु हैं मिलते कई रूप में ,
मात -पिता या शिक्षक हो कोई ॥
जिनसे हम कुछ सीख है पाते ,
उन्हेँ गुरु ही हम जाने ।
गुरु से कभी कपट नहीं करना,
उन्हें भगवान से भी बढकर माने ॥
कभी गुरु का दिल न दुखाऐं ,
ना ही कभी अपमान करें ।
शुद्ध ह्रदय से सदा ही उनको ,
झुक कर सदा प्रणाम करें ॥
शिक्षक दिवस पर आप सभी को ,
बहुत -बहुत है बधाई ।
सभी गुरुओं को मेरा शत -शत है नमन ,
जो हम सब की करते भलाई ॥
सभी गुरुओं को मेरा शत -शत है नमन ,
जो हम सब की करते भलाई ……
मोहन श्रीवास्तव (कवि )
04-09-2014, Thursday,Bahri,Sidhi (M.P)
(869) 03.00 PM
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