रोग तो बहुत है दुनिया में ,
पर कैंसर रोग तो भयानक है ।
तत्काल उपचार यदि नहीं हुआ ,
तो मौत की निश्चित आहट है ।।
सर्दी खाँसी की तरह फैल रहा यह रोग,
जो प्राण पे संकट बन कर आता ।
इसकी सही दवा नहीं होने से ,
रोगी मौत के मुंह में समा जाता ।।
लगभग 280 तरह के ,
कैंसर का प्रकार है हुआ करता ।
तेजी से फैलते हैं इसके किटाणु ,
और कभी देरी से भी पता चलता ।।
कीमोथेरेपी व रेडियोथेरेपी से ही जादा ,
इसका उपचार किया जाता ।
यदि सफल रहा इसका प्रयोग ,
तब रोगी का आयु है बढ़ जाता ।।
कीमोथेरेपी के प्रयोग से ,
शरीर के जो भी अच्छे तत्व हैं ,
इसके दुष्प्रभाव से नहीं है बच पाते ।।
खास बात इसका है मित्रों ,
कि यह छुआ छूत का रोग नहीं ।
रोगी से कीजिए भरपूर प्यार ,
और ईश्वर पे हो बिश्वाश सही ।।
इस रोग से बचना है तो ,
धूम्रपान - तम्बाकू का निषेध करें ।
हरी साग-सब्जी व फलों का ,
बहुतायत में प्रयोग करें ।।
योग्य व अनुभवी डाक्टरों का मिलना ,
इस रोग के लिये बहुत जरुरी है ।
नहीं तो पैसे भी बहाना व जान गवाना ,
ये हम सब की बस मजबूरी है ।।
कैंसर के महंगे व लंबे ईलाज में ,
पैसे भी खर्च बहुत होते ।
इतने पर भी सगे -संबंधी , किसी अनहोनी से ,
सोच -सोच के हैं रोते ।।
इतने पर भी सगे -संबंधी , किसी अनहोनी से ,
सोच -सोच के हैं रोते ............
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
10-02-2015, Tuesday,05:00AM,
Mahaveer Nagar ,Raipur (C.G)
(919)
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