Tuesday, 7 April 2015

कानून आज है बस गरीबों के लिये

कानून आज है बस गरीबों के लिये,
पैसे वालों के लिए कानून नही
निर्दोषों को फसाना आम बात,
अपराधियों को सजा,मिलती ही नही

लाचार और मजबूरों को,
हर तरह से सताया जाता है
अबलावों कमजोरों पर,
अपने बल को दिखाया जाता है

हर आखों में दहशत भरा हुआ,
सहमें-सहमें से लोग यहां
पैसों की लालच में देखो,
ईंषान इमान है बेच रहा

नौकरियां उन्हें ही है मिलती,
जो नोटों से भरे थैले देते 
बेटियां उन्हें ही ब्याही जातीं,
जहां नम्बर दो के पैसे रहते 

ईनाम-पुरष्कार उन्हें ही मिलते,
जिनका  पहुंच अधिक होता  
वुद्धिमान वही हैं कहलाते,
जिनका  परधन से बनी कोठी रहता 
 

कानून आज है बस गरीबों के लिये,
पैसे वालों के लिए कानून नही
निर्दोषों को फसाना आम बात,
अपराधियों को सजा,मिलती ही नही

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
24-08-2001,friday,11:00am,(503),

In varanasi-kochin expss train,
चित्र ; गूगल से सादर लिया गया। 

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