Wednesday, 16 July 2025

गणेश वंदना(द्रुतविलंबित वर्णिक छन्द)शिवलला गणनायक आइये

गणेश वंदना

(द्रुतविलंबित वर्णिक छन्द)

ललल लालल लालल लालला


शिवलला गणनायक आइये l

दरस आकर नाथ दिखाइये ll

कर गजानन अंकुश साथ हो l

परसु पाश गणेश्वर हाथ हो ll

मुकुट शोभित सीस गजानना l

उदर दन्त त्रिपुण्ड लुभावना ll

सुरुचि मोदक भोग लगाइये l

शिव लला गणनायक आइये ll1ll


पुहुप रक्त सुगन्धित माल है l

श्रवण गात ललाम विशाल है ll

चरण सुन्दर दिव्य मनोहरा l

नयन आनंद से दिखता भरा ll

सदन रिद्धि सुसिद्धि बुलाइए l

शिवलला गणनायक आइये ll2ll


जनक आदिदेव महेश्वरा l

गृहहिमाचल तुंग दिगम्बरा।।

सहचरी परिवार समेत हों ll

सकल कष्ट गजानन दूर हो l

सुख अनेक सदा भरपूर हों ll

कुल समेत मुझे प्रभु तारिये l

शिव लला गणनायक आइये ll3ll


दरस आकर नाथ दिखाइए l


कवि मोहन श्रीवास्तव

10.07.2025

महुदा, झीट अमलेश्वर

दुर्ग छत्तीसगढ़

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