Saturday, 18 January 2014

नेता जी सुभाषचँद्र बोस



पैदा होते हैं वीर बहुत,
जो साहस का काम कर जाते हैं
पर देश पे मर-मिटने वाले तो,
वे मरकरके भी अमर हो जाते हैं

ऐसे ही वीरों मे सुभाषचँद्र बोस,
जो आजादी के मतवाले थे
तुम मुझे खून दो,मैं तुम्हें आजादी दूंगा,
इस नारा को देने वाले थे

२३ जनवरी सन १८९७ को,
इनका कटक जिले मे जन्म हुआ
बचपन से थे ये प्रतिभाशाली,
जिनका सिविल सर्विस मे था चयन हुआ

भारत माँ के लिये बने थे ये,
और इनके इरादे थे बड़े-बड़े
सिविल सर्विस को छोड़के ये,
आजादी की जंग में कूद पड़े

महात्मा गांधी जी के उदार नीति से,
नेता जी कभी सहमत थे नहीं
अंग्रजों भारत छोड़ो के लिये,
इन्हें रक्त क्रांति की जरुरत थी

महात्मा गांधी जी को सबसे पहले,
राष्ट्रपिता इन्होनें ही कहकर पुकारा था
आजाद हिंद फौज के झण्डे के तले,
अंग्रेजों को ललकारा था

आस्ट्रियन युवती एमिली से,
नेता जी ने बिवाह किया
बेटी अनीता की किलकारी से,
अपने घर को आबाद किया

पर भारत माँ की मुक्ति के लिये,
इनका दिल हर पल लगा रहा
महिलाओं के लिये रानी लक्ष्मीबाई रेजीमेंट का,
नेता जी ने जापान मे गठन किया

मनहूस खबर हम सबको सुनने को मिला,
वो दिन १३ अगस्त १९४५ का था
जब एक हवाई दुर्घटना में,
नेता जी का मौत हुआ

पर उनका मौत एक रहस्य ही है,
जहां कई आशंकावों ने घेरा
ऐसे भारत माँ के सच्चे सपूत को,
शत-शत है प्रणाम मेरा
ऐसे भारत माँ के सच्चे सपूत को,
शत-शत है प्रणाम मेरा........

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
mob..09009791406
www.kavyapushpanjali.blogspot.in
18-01-2014,Saturday,01:00 PM(832),

Pune,M.H.





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