पैदा होते हैं वीर बहुत,
जो साहस का काम कर जाते हैं ।
पर देश पे मर-मिटने वाले तो,
वे मरकरके भी अमर हो जाते हैं ॥
ऐसे ही वीरों मे सुभाषचँद्र बोस,
जो आजादी के मतवाले थे ।
”तुम मुझे खून दो,मैं तुम्हें आजादी दूंगा,
इस नारा को देने वाले थे ॥
२३ जनवरी सन १८९७ को,
इनका कटक जिले मे जन्म हुआ ।
बचपन से थे ये प्रतिभाशाली,
जिनका सिविल सर्विस मे था चयन हुआ ॥
भारत माँ के लिये बने थे ये,
और इनके इरादे थे बड़े-बड़े ।
सिविल सर्विस को छोड़के ये,
आजादी की जंग में कूद पड़े ॥
महात्मा गांधी जी के उदार नीति से,
नेता जी कभी सहमत थे नहीं ।
’अंग्रजों भारत छोड़ो’ के लिये,
इन्हें रक्त क्रांति की जरुरत थी ॥
महात्मा गांधी जी को सबसे पहले,
राष्ट्रपिता इन्होनें ही कहकर पुकारा था ।
आजाद हिंद फौज के झण्डे के तले,
अंग्रेजों को ललकारा था ॥
आस्ट्रियन युवती एमिली से,
नेता जी ने बिवाह किया ।
बेटी अनीता की किलकारी से,
अपने घर को आबाद किया ॥
पर भारत माँ की मुक्ति के लिये,
इनका दिल हर पल लगा रहा ।
महिलाओं के लिये रानी लक्ष्मीबाई रेजीमेंट का,
नेता जी ने जापान मे गठन किया ॥
मनहूस खबर हम सबको सुनने को मिला,
वो दिन १३ अगस्त १९४५ का था ।
जब एक हवाई दुर्घटना में,
नेता जी का मौत हुआ ॥
पर उनका मौत एक रहस्य ही है,
जहां कई आशंकावों ने घेरा ।
ऐसे भारत माँ के सच्चे सपूत को,
शत-शत है प्रणाम मेरा ॥
ऐसे भारत माँ के सच्चे सपूत को,
शत-शत है प्रणाम मेरा........
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
mob..09009791406
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www.kavyapushpanjali.blogspot.in
18-01-2014,Saturday,01:00
PM(832),
Pune,M.H.
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