Thursday, 20 February 2014

जब किसी भारत की बेटी का

सुन करके कलेजा कांप उठता,
और दिल मे दहसत भर जाता
जब किसी भारत की बेटी का,
जबरन बलात्कार है किया जाता

नारी सम्मान का हम ढोल पीटते,
और रोज नारी का अस्मत लूटा जाता
उन भीड़ भरे बाजारों में,
उनका चीर-हरण है किया जाता

ये घटनाएं रोज हो रही,
और आगे भविष्य मे होंगी भी
क्योंकि कानून हमारा सख्त नही,
और अपराधियों को सजा मिलती ही नही

मित्रों,आज हमारी बहन-बेटियां,
देश में कहीं सुरक्षित है नही
कब किसकी ईज्जत पे आरी चल जाए,
ये बात भी मित्रों बहुत सही

जब तक कड़ी सजा नहीं मिलेगी उन्हें,
वे सब ऐसे ही जुल्म ढहाएंगे
हमारी बेटियों की ईज्जत लुटती रहेगी,
और हम खून के आसूं बहायेंगे 

पश्चिमी सभ्यता का अंधाधुंध अनुकरण,
ये हम सबके लिये है ठीक नहीं
इसका दुष्परिणाम अभी हो रहा है मित्रों,
और आगे भविष्य मे होगा बड़ा भयंकर ही


मेरा विनम्र निवेदन है उन बेटियों से भी,
कि वे भी अंजान पे जल्दी ना विश्वाश करें
और उन्मुक्तता अंग प्रदर्शन से,
जितना हो सके सभी बचें
और उन्मुक्तता अंग प्रदर्शन से,
जितना हो सके सभी बचें.......

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
19-02-2014,Wednesday,05:00pm,(859)
Pune,M.H.





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