शराब मुक्त हो छत्तीसगढ़ ,ये हम सबकी मांग है|
बर्बाद हो रहा जनमानस,ये जलती हुई सी आग है ||
उस घर में सुख और चैन नही,जहाँ मदिरा पान किया जाता |
दूध -दही व् रस के बदले, हंस के जहर ये पिया जाता ||
मार -पीट और नोक-झोंक व् तन तो उजड़ा बाग है ....
शराब मुक्त हो छत्तीसगढ़ ,ये हम सबकी मांग है.....
अत्याचार महिलाओं पर ,और बच्चों में भय होता है |
करने से कमाई नही इनके ,धन का भी क्षय होता है ||
यह शराब का प्रचलन तो ,जैसे समाज पर दाग है........
शराब मुक्त हो छत्तीसगढ़ ,ये हम सबकी मांग है.....
एक तरफ दारू बंदी का, सरकारी फरमान है |
और दूसरी तरफ हर जगह , दारू की दुकान है ||
पूर्ण शराब बंदी ही हो ,ये हम सबका राग है ......
शराब मुक्त हो छत्तीसगढ़ ,ये हम सबकी मांग है.....
पीना नही और नही पिलाना ,सौगंध आज हमे खाना है |
शराब मुक्त हो प्रदेश हमारा ,ये अभियान चलाना है ||
जीवन नही मृत्यु है यह ,काला बिषैला नाग है........
शराब मुक्त हो छत्तीसगढ़ ,ये हम सबकी मांग है|
बर्बाद हो रहा जनमानस,ये जलती हुई सी आग है ||
मोहन श्रीवास्तव (कवि )
रचना क्रमांक ;-(1075)
06-04-2018
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