Saturday, 7 April 2018

"शराब मुक्त हो छत्तीसगढ़ "


शराब मुक्त हो छत्तीसगढ़ ,ये हम सबकी मांग है|
बर्बाद हो रहा जनमानस,ये जलती हुई सी आग है || 

उस घर में सुख और चैन नही,जहाँ मदिरा पान किया जाता |
दूध -दही व् रस के बदले, हंस के जहर ये पिया जाता  ||
मार -पीट और नोक-झोंक व् तन तो उजड़ा बाग है ....  
शराब मुक्त हो छत्तीसगढ़ ,ये हम सबकी मांग है.....

अत्याचार महिलाओं पर ,और बच्चों में भय होता है |
करने से कमाई नही इनके ,धन का भी क्षय होता है ||
यह शराब का प्रचलन तो ,जैसे समाज पर दाग है........
 शराब मुक्त हो छत्तीसगढ़ ,ये हम सबकी मांग है.....

एक तरफ दारू बंदी का, सरकारी फरमान है |
और दूसरी तरफ हर जगह , दारू की  दुकान है ||
पूर्ण शराब बंदी ही हो ,ये हम सबका राग है ......
शराब मुक्त हो छत्तीसगढ़ ,ये हम सबकी मांग है.....

पीना नही और नही पिलाना ,सौगंध आज  हमे खाना है |
शराब मुक्त हो प्रदेश हमारा ,ये अभियान चलाना है ||
जीवन नही मृत्यु है यह ,काला  बिषैला नाग है........


शराब मुक्त हो छत्तीसगढ़ ,ये हम सबकी मांग है|
बर्बाद हो रहा जनमानस,ये जलती हुई सी आग है ||

मोहन श्रीवास्तव (कवि )
रचना क्रमांक ;-(1075)
06-04-2018







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