"आप सभी को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभ कामनाएं"
तुमको निहारूं श्याम , दिन - रात सुबो शाम ,
तुमको निहारूं श्याम , दिन - रात सुबो शाम ,
जिंदगी तो तेरी ही कहानी अब लगती |
मूरतिया प्यारी तेरी , देखूं बस घड़ी घड़ी ,
तेरी हर बात ही , सुहानी अब लगती ||
गाल है गुलाबी तेरे , नैन हैं शराबी तेरे ,
मस्त रहूं मै तो , मस्तानी अब लगती |
दरशन की है आस , बुझती नहीं है प्यास ,
मीरा जैसी मै भी तो दिवानी अब लगती ||१ ||
कानो के कुंडल तेरे , कटि करधनी घेरे ,
सुंदर श्रृंगार कर जग को रिझा रहे ।
बांसुरी की छेड़ तान ,नेह भरी मुस्कान ,
नारी ब्रजवासिनी को बावरी बना रहे ।
ग्वाल बाल जन संग ,गोपी संग रास रंग ,
मेरे हरि लीला कर , सुख को लुटा रहे ।
सब के जीवन धन , रहे कर मनहरन ,
किसी को रूठा रहे तो किसी को मना रहे ।।२।
कानो के कुंडल तेरे , कटि करधनी घेरे ,
सुंदर श्रृंगार कर जग को रिझा रहे ।
बांसुरी की छेड़ तान ,नेह भरी मुस्कान ,
नारी ब्रजवासिनी को बावरी बना रहे ।
ग्वाल बाल जन संग ,गोपी संग रास रंग ,
मेरे हरि लीला कर , सुख को लुटा रहे ।
सब के जीवन धन , रहे कर मनहरन ,
किसी को रूठा रहे तो किसी को मना रहे ।।२।
मोहन श्रीवास्तव ( कवि )
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