"शिखरिणी छंद''
"जय माता भवानी"
महादेवी दुर्गा सकल जग को पावन करे ।
जपूँ शेरावाली सकल भव बाधा नित हरे ।।
फले फूले सारे सुखमय सदा जीवन रहे ।
भवानी की छाया अटल शुभमंगल मन रहे ।।
लगाए आशा हूँ जगत जननी द्वार पर आ ।
महामाया आया दरश अब दे दो तुम हमें ।।
सिवा तेरे माता जगत भर में पालक नहीं ।
नवाऊँ मै माथा नमन कर तेरे चरण में ।।
मोहन श्रीवास्तव
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