Sunday, 19 February 2023

"कुंडलिया"ऐसे ग्रंथों को पढें

"कुंडलिया"

ऐसे ग्रंथों को पढें, जो सिखलाते प्यार।
जिसमें हिंसा द्वेष हो,वो सब हैं बेकार।।
वो सब हैं बेकार, बनाते जो उन्मादी।
होता बंठाधार,विवादी और प्रमादी।।
जिससे फैले द्वंद, पढ़ें हम उनको कैसे।
उनपे हो प्रतिबंध, जहर जो बोए ऐसे।।

कवि मोहन श्रीवास्तव

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