होगी जब उनसे मुलाकात मेरी, दो दिल खुशियों से यूं भर जाएंगे।
उनके स्वागत में फूल कलियां क्या, अपने पलकों को हम बिछाएंगे।।
होगी जब उनसे........
अब तक जो गम सहे जुदाई के, उन्हें हम दोनों भूल जाएंगे।
होंगी बातें सभी इशारों में, वो पल कैसे भी ठहर जाएंगे।।
होगी जब उनसे............
चूड़ियां खनखनाएंगी मेरी, कंगन मेरे तो गुनगुनाएंगे।
धड़कनें बाँसुरी सी गायेंगी, दो वदन प्यार में नहाएंगे।।
होगी जब उनसे..........
माथे पे बूंदे कुछ पसीने की, चाँदनी जैसे झिलमिलाएंगे।
मेरे बिखरे हुए से लट होंगे, हर अदा से उन्हें रिझाएंगे।।
होगी जब उनसे........
पायल पावों में छनछनायेंगी, झुमके मेरे तो खिल खिलाएंगे।
सांसे दोनों की बस ये बोलेंगी, हम कभी दूर नहीं जाएंगे।।
होगी जब उनसे........
रातें होंगी मेरी दीवाली सी,दिन तो होली का हम मनाएंगे।
भोर होते ही फूलों की खुशबू, शाम दीपों से जगमगाएंगे।।
होगी जब उनसे मुलाकात मेरी.........
कवि मोहन श्रीवास्तव
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