अपनी तो जिंदगी कैसे भी कट रही,
पर उनकी तो जिंदगी में बहारें ही चाहिए ।
मुझको सहारा कोई चाहे हो ना हो,
मगर उनके लिए कोई सहारा तो चाहिए ।।
पर उनकी तो जिंदगी में बहारें ही चाहिए ।
मुझको सहारा कोई चाहे हो ना हो,
मगर उनके लिए कोई सहारा तो चाहिए ।।
मेरी तो जिंदगी मुझसे हो गई है दूर,
पर उनकी तो जिंदगी पास आनी ही चाहिए ।
हम आग में जल रहे हैं तो क्या,
मगर उनके लिए तो शीतलता सदा ही चाहिए ।।
पर उनकी तो जिंदगी पास आनी ही चाहिए ।
हम आग में जल रहे हैं तो क्या,
मगर उनके लिए तो शीतलता सदा ही चाहिए ।।
मायुशियां और गम हैं मेरी तो झोली में,
पर उनकी तो झोली खुशियों से भरनी ही चाहिए ।
हमको तो मिल रहे हैं तोहफे कांटे-बबूल के,
पर उनको तो फूल सदा मिलने ही चाहिए ।।
पर उनकी तो झोली खुशियों से भरनी ही चाहिए ।
हमको तो मिल रहे हैं तोहफे कांटे-बबूल के,
पर उनको तो फूल सदा मिलने ही चाहिए ।।
हमे बददुआ है मिलता यहां-वहां से,
पर उनको दुआ तो सबकी मिलनी ही चाहिए ।
हमें तो मिलते कलियां पर खिलते वे नही,
पर उनकी तो जिंदगी में कलियां खिलनी ही चाहिए ।।
पर उनको दुआ तो सबकी मिलनी ही चाहिए ।
हमें तो मिलते कलियां पर खिलते वे नही,
पर उनकी तो जिंदगी में कलियां खिलनी ही चाहिए ।।
हमे तो अँधेरे में रहने की आदत,
मगर उनको उजाला तो मिलना ही चाहिए ।
मुझे दर्द दे मुझे शूल दे उनका मेरे खुदा,
पर उनके चेहरे पे मुस्कुराहट दिखना ही चाहिए ।।
मगर उनको उजाला तो मिलना ही चाहिए ।
मुझे दर्द दे मुझे शूल दे उनका मेरे खुदा,
पर उनके चेहरे पे मुस्कुराहट दिखना ही चाहिए ।।
हमें तो नफरत से देखते हैं वे,
पर उनके लिए तो सदा मेरा प्यार चाहिए ।
हमको तो पत्थर मारकर घायल किये हैं वो,
मगर उनपे फूल तो बरसना ही चाहिए ।।
पर उनके लिए तो सदा मेरा प्यार चाहिए ।
हमको तो पत्थर मारकर घायल किये हैं वो,
मगर उनपे फूल तो बरसना ही चाहिए ।।
अपमान करते रहते मेरा वे सदा,
पर उनका हमे सम्मान सदा करना ही चाहिए ।
पानी मुझ प्यासे को चाहे दे ना दें,
मगर हमारी तरफ से उनको झरना ही चाहिए ।।
पर उनका हमे सम्मान सदा करना ही चाहिए ।
पानी मुझ प्यासे को चाहे दे ना दें,
मगर हमारी तरफ से उनको झरना ही चाहिए ।।
कभी मेरे सीधे पन का,मेरी मजबूरी समझे वो,
तो उनके लिये तो मेरा तमाचा ही चाहिये ।
कभी प्यार में मुझसे रूठ जाते हैं तो वे,
उनको तो हमें तब मनाना ही चाहिए ।।
कभी प्यार में मुझसे रूठ जाते हैं तो वे,
उनको तो हमें तब मनाना ही चाहिए ।।
तो उनके लिये तो मेरा तमाचा ही चाहिये ।
कभी प्यार में मुझसे रूठ जाते हैं तो वे,
उनको तो हमें तब मनाना ही चाहिए ।।
कभी प्यार में मुझसे रूठ जाते हैं तो वे,
उनको तो हमें तब मनाना ही चाहिए ।।
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
(950) mob: 9009791406
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
12-06-2015,Friday,10:15A.M
Mahavir Nagar Raipur(C.G)
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