सालगिरह शादी का हो मुबारक,
आप दोनों खुशी से मना लिजीये।
हो बहारों भरा ये चमन आपका,
इसकी खुशुबू में पल-पल नहा लिजीये ॥
गाड़ी जीवन की चलती रहे आपकी,
कोई बाधा यदि आये मिटा दिजीये ।
जो सपने सुनहरे हैं जिंदगी के,
सच करके दोनों दिखा दिजीये ॥
चाहे गम हो या फिर खुशी हो,
साथ हंसते हुये आप बिता लिजीये ।
राहें कैसी भी हों जिंदगानी की बस ,
दिल में इक-दूसरें को बसा लिजीये ॥
नेकी की राह पर हर कदम हो,
दिल में ईश्वर को अपने बसा लिजीये ।
दुआ मोहन की दिल से मिले आपको,
दोनों हर पल सदा खुश रहा किजीये ॥
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
23-12-2013,Monday,02:30PM,(819),
Pune,M.H.
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