हे महामहिम अटल बिहारी जी,
शत-शत बार नमन तुमको ।
भारत माता के लायक सपूत,
बारम्बार नमन तुमको ॥
अपने शासन काल के दिनों मे,
तुमने जो करके दिखलाया था ।
आजादी से अब तक ना कोई,
ऐसा तो कर पाया था ॥
अब देश के शासक, बनो ना बनो,
पर लोगों के दिलों मे छा गये तुम ।
सच्ची दृष्टि से यदि देखा जाये तो,
लोगों के दिलों को भा गये तुम ॥
दुनिया के देशों मे ईज्जत,
जो भारत को तुमने दिलाई ।
इस अन्धी -बहरी दुनिया मे ,
अपनी आवाज व रोशनी बिखराई ॥
सत्य,अहिंशा, भाईचारे की.
नीति पे चलने वाले हो ।
कटुता,शत्रुता भुला करके,
सबको साथ मे ले के चलने वाले हो ॥
मोहन कुछ दे नही सकता है तुम्हे,
पर ईश्वर से कामना करता है ।
जग मे सूरज जैसे चमको,
दिन- रात दुआ ये करता है ॥
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
तुमने जो करके दिखलाया था ।
आजादी से अब तक ना कोई,
ऐसा तो कर पाया था ॥
अब देश के शासक, बनो ना बनो,
पर लोगों के दिलों मे छा गये तुम ।
सच्ची दृष्टि से यदि देखा जाये तो,
लोगों के दिलों को भा गये तुम ॥
दुनिया के देशों मे ईज्जत,
जो भारत को तुमने दिलाई ।
इस अन्धी -बहरी दुनिया मे ,
अपनी आवाज व रोशनी बिखराई ॥
सत्य,अहिंशा, भाईचारे की.
नीति पे चलने वाले हो ।
कटुता,शत्रुता भुला करके,
सबको साथ मे ले के चलने वाले हो ॥
मोहन कुछ दे नही सकता है तुम्हे,
पर ईश्वर से कामना करता है ।
जग मे सूरज जैसे चमको,
दिन- रात दुआ ये करता है ॥
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
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