Wednesday 18 January 2023

(घनाक्षरी) "शिव वंदना" आदि देव महादेव,जिन्हें सेवें सभी देव, ऐसे भोलेनाथ जी का रूप तो निराला है। क्षण में होते प्रसन्न,भक्तों को करे धन्य, शिव नाम तमस में करता उजाला है।। सीस सोहे चंद्र गंग,भभूति रमाए अंग, पत्नी पार्वती देवी गणपति जी लाला हैं। हरि ध्यान करें हर,जगत की पीड़ा हर, कालों का भी महाकाल वो डमरू वाला है।। कवि मोहन श्रीवास्तव

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