Tuesday, 6 July 2021

(विधाता छंद)"मुक्तक" ‌चली बेटी विदा होके,घराना रो रहा देखो ।

"मुक्तक"(विधाता छंद)
‌(ISSS  ISSS    ISSS  ISSS)

चली बेटी विदा होके,घराना रो रहा देखो ।
लिपट कर रो रही है माँ,ठिकाना रो रहा देखो ।।
विदाई हो गई जब तो,जिसे पत्थर सभी समझे ।
पिता के नैन सागर का, मुहाना रो रहा देखो ।।

मोहन श्रीवास्तव

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