Tuesday, 6 July 2021

(प्रमाणिका छंद वर्णिक) प्रणाम राम आपको

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  "प्रणाम राम आपको। प्रणाम राम आपको।।"
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("प्रमाणिका छंद"वर्णिक)
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लिए कमान चाप को।बुझाव आप ताप को।।
प्रणाम राम आपको। प्रणाम राम आपको।।
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हरो समस्त पाप को। प्रणाम राम आपको।।
प्रणाम राम आपको। प्रणाम राम आपको।।
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रमूँ महान नाम में। रहूँ कृपालु धाम में।।
प्रणाम राम आपको। प्रणाम राम आपको।।
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समान शीत घाम में। रहूँ भरोस राम में ।।
प्रणाम राम आपको। प्रणाम राम आपको।।
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प्रसून में पराग हैं। सितार चारु राग हैं।।
प्रणाम राम आपको। प्रणाम राम आपको।।
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सुवास आप बाग हैं। मनोज नाश आग हैं।।
प्रणाम राम आपको। प्रणाम राम आपको।।
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सरोज नेत्र सोहते। मुखारविन्द मोहते।।
प्रणाम राम आपको। प्रणाम राम आपको।।
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विरक्त पंथ जोहते। समस्त दुष्ट को हते।।
प्रणाम राम आपको। प्रणाम राम आपको।।
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जटा सजाय माथ में। सिया सदैव साथ में।।
प्रणाम राम आपको। प्रणाम राम आपको।।
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विकास नाश हाथ में। सभी समाय नाथ में।।
प्रणाम राम आपको। प्रणाम राम आपको।।
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अखंड हो निवासते। त्रिलोक को उजासते।।
प्रणाम राम आपको। प्रणाम राम आपको।।
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प्रचंड दैत्य नाशते। उदार मंद हाँसते।।
प्रणाम राम आपको। प्रणाम राम आपको।।
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कवि मोहन श्रीवास्तव
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