सरसी छंद
"आज जगत में गूंज रहा है"
आज जगत में गूंज रहा है, जय जय जय श्रीराम।
भव्य भुवन निर्माण हो रहा,अवध पुरी सुखधाम।।
पांच सदी मे सनातनी के,जागे सोये भाग।
आज बुझी है धधक रही थी,सदियों से जो आग।।
मुगल लुटेरे राम भवन का,किये विकट विध्वंस।
लाखों हिन्दू मार काटकर, मिटा दिये थे वंश।।
मंदिर ऊपर मस्जिद गढ़कर, किये लुटेरे काम।
कार सेवकों ने कर डाला, उसका काम तमाम।।
रामभक्त बलिदान हुए जो,नमन करें हम आज।
सत्य सनातन की रक्षा में,सारा राम समाज।।
तंबू मे श्रीराम विराजित, देख दुखित सब लोग।
न्यायालय ने दिया फैसला, तभी बना संयोग।।
ऐसे शासक जन का हम पर,बहुत बड़ा उपकार।
जिनकी मेहनत और लगन से,हमें मिला उपहार।।
भगवा अपना विजय पताका, कलशा घर के द्वार।
दीपों से मन रही दिवाली, घर घर वंदनवार।।
कोटि कोटि सब रामभक्त को,मोहन करे प्रणाम्।
राम नाम के दिये जलाओ,अपने अपने धाम।।
आज जगत में गूंज रहा है, जय जय जय श्रीराम।
भव्य भुवन निर्माण हो रहा,अवध पुरी सुखधाम।।
मोहन श्रीवास्तव
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