Sunday, 22 January 2023

अवध में राम जी आए (विजात छंद)

"श्री राम भजन"
(विजात छंद) 
जय जय श्री राम 
अवध में राम जी आये, महा आनंद छाया है।
जली शुभज्योति नगरी भर, महल भी जगमगाया है।।

मधुर शहनाई की गुँजन,नगरवासी सुयश गाये।
अवध नगरी सजी सुंदर, ध्वजा तोरण हैं  लहराये।।
नए परिधान आभूषण, सभी ने दिव्य पाया है।
अवध में राम जी आये, महा आनंद छाया है।
जली शुभज्योति  नगरी भर, महल भी जगमगाया है।।१।।

खुशी में मग्न सब मइया, लिपट कर रो रही भारी।
बहा आंसू खुशी की सब, मिले रघुवर से नर नारी।।
खुशी से हो भरत पागल, चरण में सिर नवाया है।
अवध में राम जी आये, महा आनंद छाया है।
जली शुभ ज्योति नगरी भर, महल भी जगमगाया है।।२।।

सिया को गोद में लेकर, सभी मैया दुलारे हैं। 
लखन सिय राम तीनों को, अवधवासी निहारे हैं।।
उतारे आरती सारे, हिया में सुख समाया है।
अवध में राम जी आये, महा आनंद छाया है।
जली शुभ ज्योति नगरी भर, नगर भी जगमगाया है।।३।।

 कवि मोहन श्रीवास्तव

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