Friday 23 February 2024

"अष्टपदी""प्रभु सिय याद करें "(श्री राम स्तुति)

"अष्टपदी"
"प्रभु सिय याद करें "

रघुवर चुप नहि बोलत,बस रोअत हे।
सुधि करि करि हिय आप,  प्रभु सिय याद करें।।१।।
बइठे प्रभु निज कुटिया,बस सोचि रहे।
कहं सिय राम कहां,प्रभु सिय याद करें।।२।।
जब जब सिय पट देखत,अकुलावत हे।
जपन करत अविराम,प्रभु सिय याद करें।।३।।
तितर वितर घर देखत,सब वस्तु पड़े।
प्रभु सब रखत संवारि, प्रभु सिय याद करें।।४।।
जब जब दामिनि दमकत, हिय धड़कत हे।
घन बिच रूप निहार, प्रभु सिय याद करें।।५।।
खग मृग पशु सब ढूढ़त,जिमि पूछत हे।
कंह सीता मम मातु, प्रभु सिय याद करें।।६।।
प्रभु कर सब दुख देखत, अकुलाय रहे।
लछमन करत गलानि, प्रभु सिय याद करें।।७।।
विरह व्यथा अति घेरत,मन वेधत हे।
कहां न कहीं संताप,प्रभु सिय याद करें।।८।।
कवि मोहन श्रीवास्तव
०९.०१.२०२४, मंगलवार ,
खुश्बू विहार कालोनी, अमलेश्वर दुर्ग छत्तीसगढ़ 

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