Friday 23 February 2024

"अष्टपदी" श्री राम स्तुति (अवध बिहारी जग करतारी)

अष्टपदी"
"श्री राम स्तुति"

अवध बिहारी जग करतारी, रामलला शुभकारी।
दशरथ नंदन असुर निकंदन, कौशल्या महतारी।।१।।

नयन मनोहर चितवन सुन्दर, अद्भुत छबि बलिहारी।
जन मन अलिगन कीर्तन गुंजन, बालरूप अघहारी।।२।।

पग में पैंजन दृग में अंजन, कर कंगन खनकारी।
कटि में करधन बाजत झन झन, कर में शर धनु धारी।।३।।
नाम है पावन जन मन भावन , राम नाम शुचि कारी ।
राम नाम धुन जीव सकल सुन ,हिय में आनंद भारी ।।४।।

बाहु विशाला उर मणि माला , रत्न जड़ित मनहारी।
रघुकुल सूरज चाहूं पदरज, कोटि पाप सब जारी।।५।।

सरयू सरिता परम पुनीता, धोअत कलिमल सारी।
धवल हिलोरें दुहु कर जोरे, स्तुति कर अनुसारी।।६।।

ध्वजा पताका मंगल बाजा, बजे ढोल करतारी।
झांझ मृदंग उमंग भगत जन, जय सियराम उदारी।।७।।

लगी कतारें प्रभु के द्वारे, भीड़ जुटी बड़ भारी।
मोहन शरण पड़ा रघुवर के , करने भजन तुम्हारी।।८।।

कवि मोहन श्रीवास्तव
गुलमोहर रिजेंसी, महावीर नगर, रायपुर छत्तीसगढ़
दिनांक ०३.०२.२०२४
प्रातः ४ बजे
रचना क्रमांक १३९७

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