Wednesday 9 November 2011

यदि मै हो जाता मंत्री

यदि मै हो जाता मंत्री,
तो राजमहल मे रहता
दिन रात अप्सरायें सेवा करती,
और अक्सर दौरों पर होता

मेरी जान पहिचान बहुतों से होती,
और कई पुलिस अधिकारी से
वे सब मुझको सलाम मारते,
चलता मै सरकारी गाड़ी से

मै खूब चिकन-तन्दूरी खाता,
और पीता अंग्रेजी शराब
खूब रंग रलियां करता,
मिलता मुझे शवाब

मै अपने निर्वाचन क्षेत्र मे,
खूब आगजनी करवाता
फ़िर सरकारी मशिनरियों से,
उन्हे ठीक करवाता

मेरे क्षेत्र की जनता कहती कि,
मंत्री जी ने किया बहुर उपकार
हम सब की बहुत मदद की,
उन्हे ही जीताएंगे अबकी बार

इस तरह आगामी चुनावों मे ,
दुबारा कुर्सी पा लूंगा
बाकी जो बचा कसर होगा,
उसको भी पूरा कर लूंगा

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
चंद्रपुर महा.