ईंषान जीत सकता है जग,
और कई साहस के काम कर सकता है ।
पर पत्नी के सामने बेचारा वो,
हर पल घबराया रहता है ॥
जब श्रीमती जी को खुश रखना है तो,
कुछ बातों का ध्यान रहे ।
उन्हें अपने बस मे रखना है तो,
हर पल आप सावधान रहें ॥
हर बात मे उनसे लीजिये सलाह,
उनके सम्मान का हमेशा ख्याल रहे ।
भर-पूर प्यार दीजिये उन्हें.
और उनके हाथों मे धनमाल रहे ॥
उनसे आदर चाहते हैं आप,
तो उनको भी आदर देना है ।
उनके खान-पान व पोषाक की चिंता,
आपको ही बराबर करना है ॥
पत्नी खुश होती है जादा ,
जब उसके मैके की बड़ाई किया जाये ।
उसके रूप व गुण का बखान,
मीठे स्वरों मे किया जाये ॥
यदि आपसी समझ हो दोनों मे,
तो परिवार स्वर्ग बन सकता है ।
नही तो आपस की खिंचातानी मे,
घर-द्वार नर्क बन सकता है ॥
जब श्रीमती जी को खुश रखना है तो,
कुछ बातों का ध्यान रहे ।
उन्हें अपने बस मे रखना है तो,
हर -पल आप सावधान रहें ॥
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
४/४/२०१३,बृहस्पतिवार,रात्रि ९.४० बजे,
पुणे महा.