Wednesday 6 June 2018

"पर्यावरण को बचाना है तो"

पर्यावरण को बचाना है तो,
ढेरों वॄक्ष लगाना है !
शुद्ध हवा मे रहना है तो,
धरती को हरियाली बनाना है !!

आवो हर जगह पेड़ लगाए हम,
और जंगलों को काटना बंद करें !
अपनें संतानों जैसी उनकी सेवा कर,
उनके छावों मे रहकर आनंद करें !!

पेड़ों को देखो वे कितने अच्छे होते हैं,
जो हमे अपनी छावों मे रखते हैं !
अपने हरे-भरे पत्तों से ,
हमारे तन-मन को शीतल रखते हैं !!

हम जिनकी छावों मे रहते हैं,
उन्हें काटना ठीक नही !
जो हमको फ़ल देते हैं
उन्हें उखाड़ना ठीक नही !!

जंगली पेड़ों के साथ-साथ ,
हमे फ़लों के भी वॄक्ष लगाना है !
हरे-भरे बाग -बगिचों से ,
अपने भारत को सुंदर बनाना है !!

मोहन श्रीवास्तव (कवि)

www.kavyapushpanjali.blogspot.com
दिनांक- २८/०५/२०००,रविवार,शाम - .३० बजे

चंद्रपुर (महाराष्ट्र)