उन्हें अपनी भइया की, याद आती है खूब ।
किसी-किसी भइया की, बहना है दूर ।
उन्हें अपनी बहना की, याद आती है खूब ॥
किसी-किसी बहना के......
साल के सब दिन मे, ये दिन महान है ।
दोनो को इक-दुजे की, जरुर आती याद है ॥
ये दिन दोनो नही, पाते हैं भूल ।
उन्हें अपनी भइया की, याद है खूब ॥
किसी-किसी बहना के......
भइया को मेरी, ऊमर लग जाये ।
कभी भी उन्हें, कोई दुःख ना सताये ।
भइया का जीवन, जैसे रहे कोई फूल,
उन्हें अपनी भइया की, याद आती खूब ॥
किसी-किसी बहना के......
भइया तो मेरा अपना, लाखों में एक है ।
दिल तो भइया का मेरे, बड़ा ही नेक है ॥
हमे अपने भइया पे, बहुत ही गुरुर है ।
उन्हें अपनी भइया की, याद है खूब ॥
किसी-किसी बहना के......
अपनी-अपनी बहना पे, भइया को नाज है ।
बहना हमारी हम सब की, तो लाज है ॥
नयनों मे नीर, भर आता जरुर ।
उन्हे अपनी बहना की, याद आती है खूब ॥
किसी-किसी बहना के......
बहना को देता भाई, दिल से दुआ है ।
उसकी खुशी मे ये, सारा जहां है ॥
दिल मे तो है वो मेरे, चाहे है वो दूर ।
उन्हे अपनी बहना की, याद आती है खूब ॥
किसी-किसी बहना के......
किसी-किसी बहना के, हैं भाई दूर,
उन्हें अपनी भइया की, याद आती है खूब ।
किसी-किसी भइया की, बहना है दूर ।
उन्हें अपनी बहना की, याद आती है खूब ॥
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
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21-08-2013,wednesday,10am,(731),
pune,maharashtra.