प्यारी-दुलारी बहना रानी,
राखी बांधे प्यार से ।
मंगल तिलक लगा कर के,
स्वागत करती हार से ॥
आरती उतारे अपने भइया की,
और खिलाती कई मिष्ठान है ।
लम्बी उम्र की दुआ मांगती,
ये भाई-बहन का प्यार है ॥
शपथ लेते हैं हर भाई,
अपने बहनों की लाज बचाने की ।
चिन्ता रहती है उनको भी,
अपने बहनों के सम्मान की ॥
प्यारी-दुलारी बहना रानी,
राखी बांधे प्यार से ।
मंगल तिलक लगा कर के,
स्वागत करती हार से ॥
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
23-08-1999,monday,8.40pm,
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