Saturday 4 August 2018

"ऐसी करतूतों से गुलामी के आसार हैं "


"ऐसी करतूतों से गुलामी के आसार हैं "


काक जैसे कांव कांव ,स्वान जैसे भांव -भांव ,
गिद्ध जैसे संसद में करें ब्यवहार हैं | 
कुर्सी के नशे में चूर , जिम्मेदारियों से दूर ,
टांग खिंचने  में और बड़े होशियार हैं || 
 देश हित बात छोड़ , करें स्वार्थ गठजोड़ ,
ऐसे नेता भारत माता के लिए भार  हैं ||
वोटों के तो ये हैं ठग , देख रहा सारा जग ,
ऐसी करतूतों से गुलामी के आसार हैं || 

मोहन श्रीवास्तव ( कवि )