Tuesday 27 August 2013

श्री कृष्ण भजन (मै तो प्रेमी से मिलने आई)

मै तो प्रेमी से मिलने आई रे
मन्दिर जाने के बहानें !
मै तो अपने से ही शर्माई रे
मुझे देखे बच्चे सयानें !!
मै तो प्रेमी से मिलने ....

उसकी सावलि सुरत कैसी
जो देखे बन जाए उसकी !
उसके आखे है कजरारे
तन पे वो पिताम्बर डारे
मै तो उससे ही मिलने आई रे
मन्दिर जाने के बहाने...

कोई उसको देख पाता
अपने से ही वो शर्माता
मै उसके दर्शन करती हूं
मै उसको दिल मे रखती हूं
मै तो उसकी दिवानी हो गई रे
मन्दिर जाने के बहाने....

उसकी है अनोखी माया
उसके ना है तन और काया
मै उसकी पागल प्रेमी हूं
दिन रात उसी की पूजा करती हूं
मेरा वो है बहुत उपकारी रे
मन्दिर जाने के बहाने...

कर मे बासुरी माथे पे तिलक है
उसके सर पर मोर पंख है
वो लुक-छिप कर मुझे देखा करता
जैसे हो हमसे डरता
मै उसी मे मगन हो जाऊं रे
मन्दिर जाने के बहाने

मै तो प्रेमी से मिलने आई रे
मन्दिर जाने के बहाने......

मोहन श्रीवास्तव (कवि)

www.kavyapushpanjali.blogspot.com
दिनांक- १३//१९९१ ,सोमवार .शाम ,.२० बजे,

एन.टी.पी.सी. ,दादरी,गाजियाबाद,(.प्र.)



भजन श्री कृष्ण जी का (श्याम मुरलिया बना लो हमे)


श्याम मुरलिया, बना लो हमे
होठों पे हर पल, सजा लो हमे
श्याम मुरलिया बना.....

मैं तो रहुंगी श्याम, हाथों मे तेरे.....
कोई ना होगा श्याम, जैसा वो मेरे....
कोई भी सुर मे, बजा लो हमे
होठों पे हर पल, सजा लो हमे
श्याम मुरलिया बना.....

मै तो बनूंगी कान्हा, नयनों का काजल....
जो भी देखे वो हो, प्रेम मे पागल....
पलकों मे हमको, बसा लो हमे
होठों पे हर पल, सजा लो हमे
श्याम मुरलिया बना.....


मै तो बनूंगी श्याम, कानों का कुण्डल...
देखा करुंगी तुम्हारा, मुखमण्डल....
कानों मे अपने, बसा लो हमे
होठों पे हर पल, सजा लो हमे
श्याम मुरलिया बना.....

मै तो बनूंगी कान्हा, पांव-पैजनिया....
देखा करुंगी श्याम, सुंदर चरनिया....
पावों मे अपने, बसा लो हमे
होठों पे हर पल, सजा लो हमे
श्याम मुरलिया बना.....

श्याम मुरलिया बना लो हमे
होठों पे हर पल सजा लो हमे
श्याम मुरलिया बना.....

मोहन श्रीवास्तव(कवि)
www.kavypushpanjali.blogspot.com
26-08-2013,monday,9pm(738),
pune.maharashtra.