Saturday 28 April 2012

आप ऐसे ही पल-पल तो मुस्काइए

पीते हैं गम को आप हसते हुए,
दर्द होता है तो आप मुस्काते हैं !
प्यार से कोई दे यदि ज़हर आपको,
आप हसते हुए उसको पी जाते हैं !!
पीते हैं गम को.............

आप विश्वाश कर लेते जल्द ही,
लोगों की विष भरी बातें पी जाते हैं!
आप हैं कि किसी से भी डरते नही,
बातें करने मे फ़िर आप शर्माते हैं!!
पीते हैं गम को..........

कन्धों पर  आपके भार कितना भी हो,
आप हसते हुए उसको ढो लेते हैं !
दुख भरे आंसू आंखो मे आपके,
आप हसते हुए दिल मे रो लेते हैं !!
पीते हैं गम को.................

आप नाराज होते कभी हैं नही,
आप गुस्से को भी हंस के पी जाते हैं !
आप मायुश भी होते हैं नही,
आप मुस्का के औरों मे रह जाते हैं !!
पीते हैं गम को............

घायल सी कर रही ये अदा आपकी,
आप अपने भी संग मे तो मुस्काइए !
हो मुस्कुराहट भरी जिन्दगी आप की,
आप ऐसे ही पल-पल तो मुस्काइए !!

पीते हैं गम को आप हसते हुए,
दर्द होता है तो आप मुस्काते हैं !
प्यार से कोई दे यदि ज़हर आपको,
आप हसते हुए उसको पी जाते हैं !!

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
                                                             www.kavyapushpanjali.blogspot.com
१९/६/१९९९,शनिवार,शाम ६ बजे,
चन्द्रपुर,महा.