Wednesday 14 March 2012

चांद तुम्हारी सूरत है

चांद तुम्हारी सूरत है और,

मन तो तुम्हारी आखें हैं !
मुस्कान तुम्हारी सुबह तो है,
संगीत तुम्हारी बातें हैं !!

दुख तो काली रात तुम्हारी,
सुख तो दिन के उजाले हैं !
चांदनी रात श्रृंगार तुम्हारी,
कैसी गुलाबी गाले हैं !!

छुई-मुई सा तन है तुम्हारा,
भौहें तो दुईज की चांद सी हैं !
मोती जैसे दांत तुम्हारे,
तेरी मांग तो नदिया की धार सी है !!

फ़ूलों जैसे खुशुबू तुम्हारा,
परछाई छावों जैसा है !
नागिन जैसी चाल तुम्हारी,
ज़ुल्फ़ें रेशम जैसा है !!

रूप तुम्हारा संगमर्मर है,
दिल तो शिशे जैसा है !
दिन और रात के बीच के पल मे,
मिलना संध्या जैसा है !!

हसती हो जब बारिस होती,
रोती हो तो धूप है !
परी हो तुम नील गगन की,
तेरे तो कई रूप हैं !!

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com

२०//१९९९,सुबह ११ बजे, चन्द्रपुर महा.

Tuesday 13 March 2012

मै तो इज़हार कैसे करूं प्यार का(गजल)


मै तो इजहार कैसे करुं प्यार का,
प्यार करने हमे तो है आता नही !
मै तो नजरें लगाए रहूं आप पे,
आपके दिल मे आना आसान नही !!
मै तो इजहार ...........

आप शर्मिली कितनी मिलनसार हैं,
हर अदा आप मे है समाई हुई !
आप जैसी तो कोई जहां मे नही,
आप दिल मे तो मेरे आई नही !!
मै तो इजहार........

चांद पूनम की जैसी आप हैं,
ज़ुल्फ़ें चेहरे पे बादल सी छाई हुई !
रंग-बिरंगी सी मुस्कान है आपकी,
आप अपनी ही दिल से सजाई हुई !!
मै तो इजहार..........

फ़ूल से भी है नाजुक बदन आपकी,
सुन्दर सपनों की मेरे महल आप है !
जींदगी बस मेरी है आपकी,
मेरी कविता,शैर गजल आप हैं !!
मै तो इजहार...............

कर दिया मै बयां हर अदा आपका,
मेरे जीवन की मुस्कान बन जाइए !
रखेंगे पलकों मे हम आपको,
अब आप ईंकार कर के तो मत जाइए !!

मै तो इजहार कैसे करुं प्यार का,
प्यार करने हमे तो आता नही !
मै तो नजरें लगाए रहूं आप पे,
आपके दिल मे आना आसान नही !!

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
//१९९९,मंगलवार,दोपहर,.५५ बजे,

चन्द्रपुर महा.