Monday 10 October 2011

एक आदर्श पति - पत्नी से बने

पर पुरुष को अपने दिल मे लाना,
इक पत्नी के लिए महापाप है !
वो अपना सब कुछ हार चुकी,
उसके बस पति-परमेश्वर आप ही हैं !!

इक पत्नी की इच्छा रहती है सदा,
कि उसके पति का माथा उंचा सदा रहे !
अच्छे काम कर वो जग मे,
और हर पापों से बचा रहे !!

अधिकार आप पर है उसका,
तो कर्तव्य आप का भी है !
उसकी भी इच्छावों का भी सम्मान करें,
जिसका सब आश आप पर ही है !!

उसे नही चाहिए सोना-चांदी,
ना ही महल -अटारी !
बस प्यार की छावों मे रखिए सदा,
उसके लिए यही है खुशियां सारी !!

आपसी समझ हो दोनों मे,
और नफ़रत से कोसों दूर रहें !
ज़िंदगी गुज़ारे हस- मिल के,
और एक आदर्श पति -पत्नी से बनें !!

मोहन श्रीवास्तव (कवि)

दिनांक- २५/११/२००१, रविवार,सुबह - .३० बजे,

नामक्कल  , (तमिल नाडु)


जब पति देव को खुश रखना है तो

जब पति देव को, खुश रखना है तो,
कुछ बातों का, ध्यान रहे !
उन्हे अपने बस मे, रखना है तो,
हर-पल आप, सावधान रहें !!

रोज सुबह, ज़ल्दी उठ जाना,
यह काम आपका, पहला हो !
जीवन-साथी के, दिल मे आप,
सिधी-सादी, सरला हों !!

उन्हें मुस्करा के ,जगाना भूलें,
और उनके नाश्ते-खाने, का ध्यान रहे !
वे जब आफ़िस या, काम पे जाएं,
तो आंखों मे, झांक कर बिदा करें !!

जब शाम समय, वे घर लौटें,
तो स्वागत करें, खिलती कलियों सी !
मिट जाए थकान, जब उन्हे आप दिखें,
और व्यवहार करें, चंचल परियों सी !!

यदि नशा वे, करते हों कोई,
तो उनकी नशा, छुड़ाने का प्रयत्न करें
भर-पूर ,प्यार दिजिए उन्हें,
और उनके, दिल का रत्न बनें !!

मोहन श्रीवास्तव (कवि)

दिनांक- २४/११/२००१, शनिवार,रात्रि  १२.४५ बजे,

नामक्कल , (तमिल नाडु)



महापुरूष जो होते है

महा पुरूष जो होते हैं,
उन्हे नाम-दाम की परवाह नही !
भलाई के काम सदा वे करते,
उन्हे और किसी कि चाह नही !!

मज़हब-धर्म नही कोई उनका,
बस ईंषानियत धर्म होता उनका !
उनके दिल मे नफ़रत है नही,
बस प्यार भरा दिल रहता उनका !!

वे चले गए तो फ़िर क्या हुआ,
वे आदर्श तो अपने छोड़ गए !
उनके आदर्शों को अपनाएं हम,
जो टूटे दिलों को जोड़ गये !!

सच्चाई की राह पे चलके,
वे कितने ज़ुल्मों को सहते हैं !
उन्हे अन्याय कभी स्वीकार नही,
परोपकार सदा वे करते हैं !!

वे किसी एक जाति के नही,
तो किसी मज़हब के हैं !
समस्त विश्व है घर उनका,
वे तो किसी शरहद के हैं !!

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
दिनांक- ०५/११/२००१, सोमवार, रात- १०.४५ बजे,

नामक्कल , (तमिलनाडु)