Tuesday 13 March 2012

मै तो इज़हार कैसे करूं प्यार का(गजल)


मै तो इजहार कैसे करुं प्यार का,
प्यार करने हमे तो है आता नही !
मै तो नजरें लगाए रहूं आप पे,
आपके दिल मे आना आसान नही !!
मै तो इजहार ...........

आप शर्मिली कितनी मिलनसार हैं,
हर अदा आप मे है समाई हुई !
आप जैसी तो कोई जहां मे नही,
आप दिल मे तो मेरे आई नही !!
मै तो इजहार........

चांद पूनम की जैसी आप हैं,
ज़ुल्फ़ें चेहरे पे बादल सी छाई हुई !
रंग-बिरंगी सी मुस्कान है आपकी,
आप अपनी ही दिल से सजाई हुई !!
मै तो इजहार..........

फ़ूल से भी है नाजुक बदन आपकी,
सुन्दर सपनों की मेरे महल आप है !
जींदगी बस मेरी है आपकी,
मेरी कविता,शैर गजल आप हैं !!
मै तो इजहार...............

कर दिया मै बयां हर अदा आपका,
मेरे जीवन की मुस्कान बन जाइए !
रखेंगे पलकों मे हम आपको,
अब आप ईंकार कर के तो मत जाइए !!

मै तो इजहार कैसे करुं प्यार का,
प्यार करने हमे तो आता नही !
मै तो नजरें लगाए रहूं आप पे,
आपके दिल मे आना आसान नही !!

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
//१९९९,मंगलवार,दोपहर,.५५ बजे,

चन्द्रपुर महा.

जिंदगी जो कई रंग की है,


जिंदगी जो कई रंग की है,
जो पल-पल बदल ये रही है !
कभी खुशियों की बरसात इसमे,
कभी दुख के अगन मे जल रही है !!
जींदगी जो कई.........

कभी मायुशी और है उदासी,
कभी चेहरे पे मुस्कान आती !
पानी की बुलबुले की तरह ही,
जिन्दगी भी ठहर ना है पाती !!
जींदगी जो कई.............

हार मिलती कभी जींदगी मे,
पर जीत की आश है हम लगाए !
सूनी सी हो असल जींदगी जब,
तो मांग सपनों से हैं हम सजाए !!
जींदगी जो कई.....................

कभी रोना,कभी हसना यहां,
गाड़ी जीवन की चलती जा रही है !
जीने की आश बढ़ रही है हमारी,
जींदगी तो ढलती जा रही है !!
जींदगी जो कई..................

जींदगी एक जंग की तरह है,
जिसमे संघर्ष चलता ही रहता !
आश सब है लगाते जनम से,
ईंषान चाहत मे मरता ही रहता !!

जींदगी जो कई रंग की है,
जो पल-पल बदल ये रही है !
कभी खुशियों की बरसात इसमे,
कभी दुख के अगन मे जल रही है !!

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com

//१९९९,चन्द्रपुर महा.