मै तो इजहार कैसे करुं प्यार का,
प्यार करने हमे तो है आता नही !
मै तो नजरें लगाए रहूं आप पे,
आपके दिल मे आना आसान नही !!
मै तो इजहार ...........
आप शर्मिली कितनी मिलनसार हैं,
हर अदा आप मे है समाई हुई !
आप जैसी तो कोई जहां मे नही,
आप दिल मे तो मेरे आई नही !!
मै तो इजहार........
चांद पूनम की जैसी आप हैं,
ज़ुल्फ़ें चेहरे पे बादल सी छाई हुई !
रंग-बिरंगी सी मुस्कान है आपकी,
आप अपनी ही दिल से सजाई हुई !!
मै तो इजहार..........
फ़ूल से भी है नाजुक बदन आपकी,
सुन्दर सपनों की मेरे महल आप है !
जींदगी बस मेरी है आपकी,
मेरी कविता,शैर व गजल आप हैं !!
मै तो इजहार...............
कर दिया मै बयां हर अदा आपका,
मेरे जीवन की मुस्कान बन जाइए !
रखेंगे पलकों मे हम आपको,
अब आप ईंकार कर के तो मत जाइए !!
मै तो इजहार कैसे करुं प्यार का,
प्यार करने हमे तो आता नही !
मै तो नजरें लगाए रहूं आप पे,
आपके दिल मे आना आसान नही !!
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
६/७/१९९९,मंगलवार,दोपहर,१.५५ बजे,