Thursday 31 October 2013

दिपावली का पावन पर्व यह

दिपावली का पावन पर्व यह,
आप सभी को मुबारक हो !
राहें रोशनी से भरी रहे,
और धन -बैभव की अच्छी आवक हो !!

कभी कांटा न चुभे पावों मे आपके,
और ना ही जीवन मे उदासी छाए !
मन की ईच्छा पुरी हो,
और सफ़लता सदा मुस्काती आए !!

सूरज की तपती ज्वाला हो या,
ठंडी- बर्फ़ीली

हवाएं हो !
नए बहारों से हो सुसज्जित,
व पूरी अभिलाषाएं हो !!

आज की खुशिया सदा बनी रहे,
व नित नई खुशी व प्यार मिले !
मोहन की दिल से यही कामना,
जीवन भर आपको बहार मिले !!

मोहन श्रीवास्तव(कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
दिनांक- २८/१०/१९९९,बृहस्पतिवार,
शाम-.१० बजे,

चंद्रपुर(महाराष्ट्र)

असली दिवाली तो यही होगी

खुश होके दिवाली मनाए हम,
और घरो मे दीप जलाएं !
नफ़रत को जड़ से मिटा करके,
वहा प्यार का अंकुर पनपाए !!

कोइ भी घर मे अंधेरा ना हो,
और ना ही कोई भूखा सोए !
दूध के लिए व्याकुल हो करके,
ना ही कोइ बच्चा रोए !!

लोगो को देख-देख करके,
अपने खर्चे नही बढ़ाए !
जितना अपना चादर हो,
उतने ही पैर फ़ैलाएं !!

असली दिवाली तो यही होगी,
लोगो के दिलों मे प्यार की ज्योति जलाएं !
दुश्मनी को दिल से भुला करके,
वहां दोस्ती का हाथ बढ़ाए !!

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
दिनांक-२०/१०/१९९९,
वुद्धवार,शाम ५ बजे,

चंद्रपुर(महाराष्ट्र)