Wednesday 31 December 2014

मंगलमय हो यह नूतन वर्ष

नया दिन नये वर्ष का,
आओ दिल से हम स्वागत कर लें
बीते वर्ष को अलविदा बोलकर,
आवो नये वर्ष की खुशियां भर लें

यह हम सब का सौभाग्य ही है,
जो हम इस दिन का आनंद ले रहे हैं
परम पिता परमेश्वर की कृपा से,
जो हम सब इसमे शामिल हो रहे हैं

सुख-समृद्धि से भरा रहे,
यह भारत वर्ष हमारा
नई-नई खुशियां दे हमको,
नया साल यह प्यारा

मंगलमय हो यह नुतन वर्ष,
और सदा घर खुशियों से भरा रहे
कभी दुःख ना सताए किसी चीज का,
और धन-बैभव से खजाना भरा रहे

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
09009791406


18-12-2000,monday,5:15pm,,
chandrapur,maharashtra.


Thursday 13 November 2014

कभी किसी के रंग-रूप पर मत जावो

मत हंसी उड़ावो कभी उनका,
कल इनके अच्छे दिन भी आयेंगे
अभी दुःख के आंसू निकल रहे,
कल सुख के बहार भी आयेंगे

काले कोयले की खदान से,
हीरा भी उसी से निकलता है
जो कि अंधकार मे उजाला बनकर,
सबको आलोकित करता है

वर्तमान देखकर कभी किसी का,
भूल के मत परिहास करो
भविष्य सुनहरा जानकर उसका,
उसे कभी मत निराश करो

सुख-दुःख तो ये लगे रहते,
कल दुःख का बादल छंट जायेगा
सुर्यास्त आज हो रहा है तो क्या,
कल नया सवेरा आयेगा

किसी के रंग-रूप पर मत जावो,
उसके गुण का तो सम्मान करो
कभी किसी का वर्तमान देखकर,
भविष्य़ का मत उपहास करो
कभी किसी का वर्तमान देखकर,
भविष्य़ का मत उपहास करो......

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
21-01-2014,Tuesday,11:30pm,(836)
Pune,M.H
www.kavyapushpanjali.blogspot.in






Thursday 30 October 2014

गजल (होगी जब उनसे मुलाकात मेरी )



होगी जब उनसे  मुलाकात मेरी,
दो दिल खुशियों से तो भर जाएंगे । 
वो जब लेंगे अपनी बाहों में ,
मेरे पलकों को शरम आएंगे ॥ 
होगी जब उनसे......

अब तक जो गम सहे  जुदाई के,
उन्हें हम दोनों भूल जाएंगे   !
होंगी बातें सभी इशारों में ,
वो पल कैसे भी ठहर जाएंगे !!
होगी जब उनसे......

चूड़ियाँ खन -खना रही होंगी ,
कंगन मेरे तो गुनगुनाएंगे ।
धड़कनें मेरी बज रही होंगी ,
दो वदन प्यार में नहाएंगे ॥ 
होगी जब उनसे......

माथे पे बूंदे तो पसीने की ,
वो भी  रह-रह के झिलमिलाएंगे ॥ 
मेरे बिखरे हुए तो लट होंगे ,
हर अदा से उन्हें रिझाएंगे ॥ 
होगी जब उनसे......

पायल पावों में छनकती होंगी ,
झुमके मेरे तो खिलखिलाएंगे !
शांसे दोनों की कह रही होंगी,
हम कभी दूर नहीं जाएंगे  !!
होगी जब उनसे......

रातें  होंगी मेरी दिवाली सी  ,
दिन तो होली का हम मनाएंगे । 
भोर होते ही फूलों की  खुशबू ,
शाम दीपों से जगमगाएंगे ॥ 

होगी जब उनसे  मुलाकात मेरी,
दो दिल खुशियों से तो भर जाएंगे । 
वो जब लेंगे अपनी बाहों में ,
मेरे पलकों को शरम आएंगे ॥ 
होगी जब उनसे......




मोहन श्रीवास्तव  (कवि )
28-10-2014,08;10 PM,(891)
Tuesday,Baheri,Sidhi (M.P)
Mob-9009791406