Wednesday 28 February 2018

"होगी जब उनसे मुलाकात मेरी"



होगी जब उनसे  मुलाकात मेरी,
दो दिल खुशियों से तो भर जाएंगे । 
वो जब लेंगे अपनी बाहों में ,
मेरे पलकों को शरम आएंगे ॥ 
होगी जब उनसे......

अब तक जो गम सहे  जुदाई के,
उन्हें हम दोनों भूल जाएंगे   !
होंगी बातें सभी इशारों में ,
वो पल कैसे भी ठहर जाएंगे !!
होगी जब उनसे......

चूड़ियाँ खन -खना रही होंगी ,
कंगन मेरे तो गुनगुनाएंगे ।
धड़कनें मेरी बज रही होंगी ,
दो वदन प्यार में नहाएंगे ॥ 
होगी जब उनसे......

माथे पे बूंदे तो पसीने की ,
वो भी  रह-रह के झिलमिलाएंगे ॥ 
मेरे बिखरे हुए तो लट होंगे ,
हर अदा से उन्हें रिझाएंगे ॥ 
होगी जब उनसे......

पायल पावों में छनकती होंगी ,
झुमके मेरे तो खिलखिलाएंगे !
शांसे दोनों की कह रही होंगी,
हम कभी दूर नहीं जाएंगे  !!
होगी जब उनसे......

रातें  होंगी मेरी दिवाली सी  ,
दिन तो होली का हम मनाएंगे । 
भोर होते ही फूलों की  खुशबू ,
शाम दीपों से जगमगाएंगे ॥ 

होगी जब उनसे  मुलाकात मेरी,
दो दिल खुशियों से तो भर जाएंगे । 
वो जब लेंगे अपनी बाहों में ,
मेरे पलकों को शरम आएंगे ॥ 
होगी जब उनसे......




मोहन श्रीवास्तव  (कवि )
28-10-2014,08;10 PM,(891)
Tuesday,Baheri,Sidhi (M.P)
Mob-9009791406







Saturday 24 February 2018

"ऋतुओं का राजा"

झुकी आम  डाली लगी बौर वाली ,
महुआ का आँगन महकने लगा !
चहूँ ओर भरने फूलों से दामन ,
ऋतुओं का राजा बहकने लगा है !!

कोयल कुहुँक कर पपिहे से बोली ,
मयूरा का तन-मन नचने लगा है !
मदमस्त सरसों पिली लजीली ,
गुलाबों पे भवंरा भटकने लगा है !!

गदराई टेसू पलासों की डाली ,
पिया रस बसंती के चखने लगा है !
भजन छोड़कर अब मिलन गीत गाते ,
कवि मन हमारा धधकने लगा है !!

फगुनाया मौसम महकी बयारें ,
तन के अगन मन दहकने लगा है !
जिन्हे प्यार वाली छुअन मिल न पाई ,
मन आज उनका कसकने लगा है !!

धानी चुंदरिया धरती ने ओढी ,
गगन मुस्कुरा आज तकने लगा है !
भंवरों की टोली रिझाने गुलों को ,
मिलन गीत गाकर उचकने लगा है !!

खुश्बु लुटाती पवन बह रही है ,
चेहरा सभी का दमकने लगा है !
बहारों की रौनक जिधर देखो मोहन ,
मुहब्बत में जर्रा चमकने लगा है !!

कवि मोहन श्रीवास्तव
रचना क्रमांक :- ( 995 )