Friday 25 October 2013

आवो हर दिल में दीप जलाएं

अब रहा है दिवाली का त्योहार,
जिसमें सब घरों को अपने सजाएंगे
गणेश-लक्ष्मी को खुश करने के लिये,
सब दिल से उन्हें मनायेंगे

लड्डू,बर्फी,काजू-कतली,
ड्राई फ्रूट्स मेवा होगा
तरह-तरह के उपहारों का,
खुब लेना-देना होगा

रिश्वत लेने-देने वालों के लिये भी,
दिपावली सुनहरा मौका है
विभिन्न तरह के उपहारों के बहानें,
सब करते बहुत सा सौदा हैं

पर सब त्योहारों पर पड़ रही मार,
महंगाई सुरसा डायन की
जो मंहगाई के पंजों से नोच-नोच कर,
इसने हम सब को घायल की

पर चाहे मंहगाई जितना भी हो,
खुशियां तो हमे मनाना ही है
पर जितना अपना चादर हो,
हमें उतना ही पांव फैलाना भी है

आवो हर दिल में दीप जलाएं हम,
ईंषानियत और प्यार का
जिनके पास नही है कुछ,
उन्हें भेंट दे हम उपहार का
जिनके पास नही है कुछ,
उन्हें भेंट दे हम उपहार का.....

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
25-10-2013,Friday,05:00am,(775),
Pune,Maharashtra.