Sunday 22 March 2015

किसान

भर पेट के राशन जो हम है खाते,
फिर पेट पे हाथ फिराते है
कभी सोचा है क्या हमने,
ये कैसे उगाये जाते है

चावल-दाल और तिलहन,
सब्जी,फल या दूध हो
वो खेती के फसल सभी,
या गन्ने का जूस ही हो

इन सबको उगाने वाले ये,
जो मेहनती किसान है
धरती को सीचते अपने पसीने से,
इसीलिये ये महान है

उसर,बँजर,उबड,खाबड,
ये धरती को खेत बनाते
बहुत बडी मेहनत से,
ये उसमें फसल उगाते

चाहे जाड़े की ठडंक हो,
या जेठ की तपती धूप बहुत
चाहे बारिस का पानी हो,
पर काम ये करते परिवार सहित

इतना मेहनत करके भी,
इन्हे फसल का उचित ईनाम नही मिलता
इस चका चौध दुनिया में देखों,
उतना किसानो को सम्मान नही मिलता
इस चका चौध दुनिया में देखों,
उतना किसानो को सम्मान नही मिलता

चित्र  ; गूगल से साभार लिया गया ।


मोहन श्रीवास्तव  (कवि)
19-01-2014,Sunday,04:30pm (835)
Pune,M.H.
www.kavyapushpanjali.blogspot.in