Thursday 12 December 2013

जन तंत्र नही यह भ्रष्ट्र तंत्र है

भ्रष्टाचार कि बगिया देखो,
जो आज बहुत तेजी से फ़ल -फ़ूल रहा है !
बेइमानी की राह पर चल कर,
आदमी अपना ईमान भूल रहा है !!

छोटे अपराध करने वालों को,
सख्त सजाएं दी जाती !
बड़े-बड़े हवाला बाजों को ,
क्लीन चिट है दे दी जाती !!

जन तंत्र नही यह भ्रष्ट्र तंत्र है,
जहां भ्रष्टाचारियों का ही बोल-बाला है !
यहां आम आदमी की आवाजें दबा दी जातीं
हर जगह कोई कोई घोटाला है !!

सत्ता पे अपनी पकड़ बनी रहे,
और सदा वोटों पर मंथन करते रहते !
देश के विकास मे दिलचस्पी कम,
सदा वोटों के विकास मे उलझे रहते !!

पर अब भी अपने सीधे भारत मे,
ईमानदारों की संख्या जादा है !
पर कुछ भ्रष्ट मक्कारों के कारण,
उन्हें हर तरह से सताया जाता है !!
पर कुछ भ्रष्ट मक्कारों के कारण,
उन्हें हर तरह से सताया जाता है ......
मोहन श्रीवास्तव  (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
दिनांक-१६//२००० ,मंगलवार,शाम .४० बजे
चंद्रपुर (महाराष्ट्र)