खुश रहो लाल मेरे तुम सब,
ना तुमसे कोई शिकायत है ।
वे हमे जीते जी हलाल कर रहे हैं,
पर ये सबके लिये तो कयामत है ॥
मैं माँ हूं,मैने माँ का अदा किया फर्ज,
मै तुम सब को दूध पिलाती थी ।
मेरे मल-मूत्र से होता था घर शुद्ध,
और तुम्हारे घर की शोभा बढ़ाती थी ॥
कभी जब संकट आता था,तुम सब पर,
तब मै सारे संकट हर लेती थी ।
जब कभी बुरा दिन आता था,
तो मै साथ तुम्हारा देती थी ॥
आज जब मै बूढ़ी, लाचार हो गई,
तो इन कसाइयों ने हमको खरीद लिया ।
चंद रुपयों की लालच मे,
तुमने मां को अपने बेच दिया ॥
मै मर रही हूं तो मुझे मरने दो,
मुझे इसका कोई अफसोस नही ।
तुम सब खुश रहना मेरे लाल,
ये मां का सदा आशिष यही ॥
अभी संकल्प तुम सब को करना होगा,
कि हम गौ मां को अपने बचायेंगे ।
नही लाल वो दिन दूर नहीं,
जब ये तुम पर भी जुल्म ढहायेंगे ॥
ऐसी ही करुण पुकारों से,
गौ माँ तब रुदन करती होगी ।
जब तेजधार हथियारों से ,
वो जीते जी कटती होगी ॥
वो जीते जी कटती होगी....
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friday,3am,06-09-2013,(747),
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