हमे गर्व है, हमारी सेना पर,
जो हमे हर,, मुश्किल से छुड़ाते हैं ।
हर संकट की, घड़ी मे वे,
हमारे प्राणों को, बचाते हैं ॥
सीमा पर, दुश्मनों से देखो,
या कोई दैवी आपदा हो ।
कहीं कोई महामारी हो या,
कहीं कोई लापता हो ॥
जान की बाजी, लगाकर वे,
हमे मौत के मुंह, से बचाते हैं ।
हर दुःख मे देखो वे,
हमारे साहस को, बढ़ाते हैं ॥
वायु सेना या हो नौ सेना,
थल सेना का तो, कोई जवाब नही ।
दुश्मनों से लोहा, लेते हैं ये,
हम कर सकते हैं, इनका बखान नही ॥
शत-शत बार, नमन है इन्हें,
और कोटि-कोटि, हमारी दुआएं ।
उम्र हो लम्बी इन सबकी,
और हर जगह विजय श्री पाएं ॥
और हर जगह विजय श्री पाएं ॥
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
21-06-2013,12.35
p.m,friday,
mahavir nagar,raipur.
2 comments:
Bahut Badhiya Likha Hai Aapne, Sadhuwaad!
APNI KAHANI
AAPKA DIL SE AABHAR
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