Sunday 1 September 2013

देवी मां स्तुति(हे मा मेरी करुणा मई)

हे मा मेरी करुणा मई,आशिष पाना चाहते !
हम दीन-हीन गरीब हैं,चरणों मे आना चाहते !!
हे मा मेरी.............

तुम हो जगत की मातु मा,हम बाल सब तुम्हारे हैं !
रखवाली करती हो मातु तुम,हम भक्त तेरे प्यारे हैं !!
हे मा मेरी...............

कोई नही अपना है मा,सिर्फ़ तुझ पर आश है !
तेरी दया की दृष्टि पर ,अपना तो मा विश्वाश है !!
हे मा मेरी..................

जो पास मे है मा मेरे,सब कुछ तुम्हारा ही तो है !
तू एक है,तेरे रूप अनेक,तू कई नामों से विख्यात है !!
हे मा मेरी.......................

तेरा ध्यान तो आता नही,मोहन तो मा अन्जान है !
अपराध को कर दो छमा,हम बाल सब नादान हैं !!

हे मा मेरी करुणा मई,आशिष पाना चाहते !
हम दीन-हीन गरीब हैं, चरणों मे आना चाहते !!

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com

२८//१९९९,चन्द्रपुर महा.

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