अब तो चुनाव है, आने वाला,
जिसमें सरकार, नींद से जागेगी ।
तरह-तरह के, घोषणावों की, बारिस कर,
ये हमारे वोटों, को मांगेगी ॥
अब तक की ये, सबसे रही भ्रष्ट,
अपने पापों पे, पर्दा डालेगी ।
कई लुभावने, नारों से,
ये हमारे वोटों, को मांगेगी ॥
महिलावों व बच्चों का, उचित ध्यान,
व किसानों के हित, की बात की जायेगी ।
अल्प संख्यकों के, कई कल्याण के काम,
और हम छात्रों के, हितैषी बतायेगी ॥
पिछड़ी जातियों को, आरक्षण,
और कई उद्योग, लगाये जायेंगे ।
अलगाव वादियों से, होगा बात-चीत,
और सबको रोटी-कपड़ा,मकान दिलाये जायेंगे ॥
रेल,सड़क व, बिजली,पानी,
सबके लिये, सुलभ होंगे ।
कानून-व्यवस्था, होगा चुस्त-दुरुस्त,
व सबके मन, प्रसन्न होंगे ॥
बलात्कारियों को, कड़ी सजा,
व गृहणियों को भी, खुब रिझाया जायेगा ।
भ्रष्टाचार मुक्त, भारत के लिये,
कठोर कदम, उठाया जायेगा ॥
ऐसी घोषणाओं, की बारिस,
मतदान पुर्व, सन्ध्या तक होगी ।
यदि जीत गये तो, इन सब का भार,
मंहगाई से त्रस्त, जनता पर होगी ॥
यदि जीत गये तो, इन सबका भार,
मंहगाई से त्रस्त, जनता पर होगी ॥
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
16-07-2013,10pm,tuesday,
pune,maharashtra.
2 comments:
उत्तम प्रस्तुति
ajij bhai ji,
aapka sadar aabhar
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