Monday 13 May 2024

भोजपुरी (मोर संवरिया मोर बतिया........)

सुनत नाही हो सुनत नाही
मोर संवरिया मोर बतिया सुनत नाही.......२
सुनत नाही हो............

दिल की जब बतिया उनसे करीला..२
हथवा के जोड़ दुनउ बिनती करीला........२
कवनउ जतनिया...२ चलत नाही
मोर सवरिया मोर..........

होत सबेरवां घरवा से जइतन..२
आधि-आधि रतियां....२, घर नही अउतन...२
मोरि कदरिया......२ करत नाही..........
मोर सवरिया मोर..........

अब त जनम भर उनही कर रहबइ..........२
दिल मे त पियवा क मूरत बसइबइ.........२
कवनउ गलनिया.....२, करब नाही......२ 

मोर संवरिया मोर बतिया सुनत नाही.......२
सुनत नाही हो............२

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
03-10-1999,sunday,1.30pm,
chandrapur,maharashtra.

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